श्री राम वन गमन स्थल



जहँ जहँ राम चरन चली जाहि  ( श्री राम वन गमन स्थल ) - शोध कर्ता - डॉo राम अवतार
प्रकाशक - श्री राम सांस्कृतिक शोध संसथान न्यास  |

न्यास का गठन भारतीय संस्कृति के संरक्षण व् संवर्धन के लिए 1 दिसंबर 1997 को किया गया | न्यास के उद्देश्य, कार्य तथा संकल्प इस पुस्तक में लिखित है |

लेखक द्वारा श्री राम के वन गमन का अद्भुत विवरण प्रस्तुत किया गया है, " बचपन में श्री राम वनवास मार्ग देखने का संकल्प किया था | आदि कवी वाल्मीकि तथा गोस्वामी तुलसीदास अद्भुत चित्रण किया तो भी मार्ग संबंधी दिशा-निर्देश से जिज्ञासा शांत नहीं होती थी | कल्पना कर्ता था " श्री राम कैसे चले होंगे, कहा ठहरते होंगे, सर्दी,गर्मी,वर्षा तथा जीवो से कैसे रक्षा करते होंगे ; राजकुमारी कोमलांगी माँ सीता कठोर, तपती, ठिठुरती, जमीन पर कैसे चलती होंगी ? पथरीली जमीन उनके पैर लहूलुहान कर देती होगी | " ...............  

इस पुस्तक में रमणीय यात्रा का विवरण किया है | आप भी पढ़े -


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